sbalas
2nd March 2005, 06:58 PM
the above bhajan has been rendered by Pandit Jasraj. Can anyone help me with the lyrics.
sbalas
15th November 2009, 07:17 PM
रानी तेरो चिर जीयो गोपाल
बेगिबडो होया विरध लट
महरि मनोहर लाल
उपजी पयो यह कून्खि भाग्य बल
समुद्र सीप जैसे लाल
सब गोकुल के प्राण जीवन धन
बैरिन के उरसाल
सूर कितो जय सुख पावत है
निरखत श्याम तमाल
रज आरज लागो मेरी अखियन
रज दोष जंजाल
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